विसेंटे ह्युइदोब्रो की कविता :: अनुवाद और प्रस्तुति : अभिषेक अग्रवाल
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हमारा मर्म हमारे जीवन का शिल्प है
देवारति मित्र की कविताएँ :: बांग्ला से अनुवाद : बेबी शॉ
इस नए साल कहीं परछाईं से झाँकती है एक धूमिल-सी संभावना आँखें खोल लेने की
ऐन वाल्डमेन की कविता :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया
किसी भी रात के सारे जुगनू नहीं पकड़े जा सकते
तनवीर अंजुम की नज़्में :: उर्दू से लिप्यंतरण : मुमताज़ इक़बाल
ख़्वाब में एक नज़्म ख़ुद को देखती है और ख़्वाब से बाहर आ जाती है
ज़ीशान साहिल की नज़्में :: उर्दू से लिप्यंतरण : मुमताज़ इक़बाल
टिप्पणियाँ ही बोती हैं और टिप्पणियाँ काटती हैं
लुडविग विट्गेन्स्टाइन के उद्धरण :: अनुवाद : अशोक वोहरा