चार्ल्स बुकोवस्की की कविताएँ ::
अनुवाद : योगेश कुमार ध्यानी

लिखना
अक्सर यही होता है
तुम्हारे और अंसभव के मध्य
कोई मदिरा
किसी औरत का प्यार
कोई संपत्ति
इसकी बराबरी नहीं कर सकते
लेखन के अलावा
कोई और चीज़ तुम्हें बचा नहीं सकती
यह दीवारों को गिरने से रोकता है
और फ़ौज को घेरने से
यह अंधकार के परख़चे उड़ाता है
लेखन ही है सबसे बड़ा मनोचिकित्सक
देवताओं में सबसे दयालु
लेखन मृत्यु का पीछा करता है
यह थकना नहीं जानता
और हँसता है ख़ुद पर
पीड़ा पर
यही है अंतिम आस
अंतिम तर्क
यही है जो है।
मूल कविता : Writing
मुझे एक जीनियस मिला
आज मुझे ट्रेन में
एक जीनियस मिला
लगभग छह साल का
वह मेरे बग़ल में बैठा था
और जैसे कि ट्रेन तट पर जा रही थी
हम समुद्र तक आए
और तब उसने मुझे देखा
और कहा—
यह सुंदर नहीं है।
यह पहली बार था
जब मैंने भी
वैसा महसूस किया।
मूल कविता : I Met A Genius
और चाँद और सितारे और संसार
रात में लंबी सैर करना—
आत्मा के लिए यही अच्छा होता है :
खिड़कियों को देखना
देखना थकी हुई गृहिणियों को
जो बीयर के नशे में धुत्त
अपने पतियों को
बाहर खदेड़ने की कोशिश कर रही होती हैं।
मूल कविता : And The Moon And The Stars And The World
ट्रैश कैन
यह शानदार है
अभी-अभी मैंने दो कविताएँ लिखीं
जो मुझे अच्छी नहीं लगीं
इस कम्प्यूटर पर एक ट्रैश कैन है
मैंने कविताओं को हटाकर
ट्रैश कैन में डाल दिया
वे हमेशा के लिए चली गई हैं
कोई काग़ज़ नहीं
कोई आवाज़ नहीं
कोई रोष नहीं
न कोई गर्भनाल
सिर्फ़ एक ख़ाली स्क्रीन
तुम्हारी प्रतीक्षा करती है
इससे पहले कि संपादक करें
ख़ुद को ख़ारिज करना
हमेशा बेहतर होता है
ख़ास तौर पर इस तरह की वर्षा वाली रात में
जब रेडियो पर ख़राब संगीत बज रहा है
और अब—
मैं जानता हूँ
तुम क्या सोच रहे हो :
शायद उसे इस फ़ालतू कविता को भी
ट्रैश कर देना चाहिए था।
हा-हा-हा-हा!
मूल कविता : The Trash Can
कार्सन मैक्कुलर्स
समुद्री स्टीमर में
एक जहाज़ी कुर्सी पर
एक कंबल में लिपटी हुई वह
ज़्यादा शराब पीने से मरी
भयंकर अकेलेपन की
उसकी सारी किताबें
प्रेमरहित प्रेम की क्रूरताओं के बारे में
उसकी किताबें
बस यही था
जो अब उसका बचा हुआ था
जब आवारा सैलानियों ने उसको देखा
कैप्टन को बताया
और जल्द ही उसे एक जहाज़ पर
कहीं और भेज दिया गया
सब कुछ ठीक वैसे ही हुआ
जैसा उसने लिखा था।
मूल कविता : Carson McCullers
अरे हाँ!
अकेला होने से भी ज़्यादा भयानक हैं
कई और चीज़ें
लेकिन अक्सर यह समझ पाने में
दशकों लग जाते हैं
और सबसे ज़्यादा जो होता है वह यह
कि जब तक हम समझ पाते हैं
तब तक बहुत देर हो जाती है
और देर हो जाने से ज़्यादा भयानक
कुछ और नहीं होता।
मूल कविता : oh yes
चार्ल्स बुकोवस्की से परिचय के लिए यहाँ देखिए : प्यार? प्यार सुबह की धुंध सरीखा है
योगेश कुमार ध्यानी नई पीढ़ी के सुपरिचित हिंदी कवि-लेखक-अनुवादक हैं। उनसे yogeshdhyani85@gmail.com पर संवाद संभव है।
बेहतरीन चयन और बेहतरीन अनुवाद किया है अपने योगेश भाई।
बहुत बधाई आपको