कविताएँ :: धर्मेश
Posts tagged एंथ्रोपोसीन
इस नए साल कहीं परछाईं से झाँकती है एक धूमिल-सी संभावना आँखें खोल लेने की
ऐन वाल्डमेन की कविता :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया
द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद
कविता :: बेबी शॉ
यहाँ नदी थी
नवकांत बरुआ की कविता :: असमिया से अनुवाद : सुलोचना वर्मा
‘अगर तथ्यों ने लोगों का दिमाग़ नहीं बदला है तो’
बातें :: अमिताभ घोष से जे सुशील
नया अंक : वर्ष 9, अंक 27
क्रम :: ग्रीष्म 2022 एंथ्रोपोसीन