कविताएँ और तस्वीरें :: शोभा प्रभाकर
Posts tagged लोक
मैं अपनी लटों से उसका कफ़न सिलूँगी
कुछ लांदेज :: अँग्रेज़ी से अनुवाद और प्रस्तुति : नीता पोरवाल
यूँ ही नहीं गँवाया शहरों ने आँखों का पानी
कविताएँ :: राही डूमरचीर
मैं गार्गी का अवतार नहीं ले सकती
कविताएँ :: जोशना बैनर्जी आडवानी
मनुष्य को उसकी प्राथमिकताओं से पहचानता हूँ
कविताएँ :: विहाग वैभव
आँख मूँदकर इस ऋतु को धन्यवाद कहो
कविताएँ :: अमिताभ चौधरी