फ़रोग़ फ़ारुख़ज़ाद की कविताएँ :: अनुवाद : उपासना झा
Posts tagged विश्व कविता
नहर से बहर तक—फ़्रॉम द रिवर टू द सी
सामिर अबु हव्वाश की कविता :: अनुवाद : रेयाज़ुल हक़
घोड़े तब तक अधीन हैं जब तक वे दौड़ सकते हैं
एक रात की याद में राख हो जाता है फूल
म्याओ-यी तू की कविताएँ :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया
क्या दुर्लभ को शिकार बनाया जाना चाहिए
शीह पी-शु की कविताएँ :: अनुवाद : देवेश पथ सारिया
मैं तुम्हारे साथ सोना चाहती हूँ कुहनी से कुहनी फँसाकर
जॉयस मन्सूर की कविताएँ :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : अखिलेश सिंह