लुइस नेग्रोन की कहानी ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : प्रत्यूष पुष्कर

लुइस नेग्रोन

द चोज़न वन

मैंने बचपन से ही माँ को यह कहानी सुनाते हुए देखा है, कई बार, कि जब मुझे पहली बार चर्च ले जाया गया था, मैं बमुश्किल चालीस दिन का रहा होऊँगा, पादरी ने मुझे देखते ही कहा कि मैं दूसरे लड़कों की तरह नहीं होने वाला, मेरा उठाया हर क़दम मुझे ‘याहोवा’ की तरफ़ ले जाएगा।

मैं अभिषिक्त होने की निश्चितता के साथ बड़ा हुआ।

मेरे भाइयों और पिता ने इस विचार का विरोध किया। पापी ने माँ की क़सम लेकर कहा कि मेरा पालन-पोषण सही तरीक़े से नहीं हो रहा था, और यह सारा चर्च और धर्म वग़ैरह मुझे बर्बाद कर देने वाले थे। मेरे भाई, पापी का साथ लेकर हमेशा चर्च जाने से बचते रहे। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि कक्षा में जब भी जॉब (बुक ऑफ़ जॉब, बाइबिल) और बाइबिल में उसके मुक़दमे के बारे में कोई विमर्श हो तो मेरे पास कुछ कहने के लिए ज़रूर हो। वे मेरी बाइबिल और नेक-टाई छुपा देते थे। बस के आने से ठीक पहले, वह मुझपे स्प्रे मारकर मुझे भिगो देते थे—वह बस जो मामी और मुझे चर्च ले जाती। अगर मैं इस पर रोता-धोता तो पापी मुझे उनसे लड़ने को कहते और मुझ पर चिल्लाते :

“कमबख़्त! मर्द की तरह ख़ुद की रक्षा करना सीखो!”

मैं चर्च में सहज था। वह मुझे एक बालक पादरी बनाकर शहर-शहर घुमाने भी ले जाते। वयस्क मुझसे सलाह माँगते थे और औरतें आकाशवाणी। एक ऐसी ही जागरण की रात मैं बाहर निकलकर बाथरूम गया। बाहर केवल एक ही बत्ती थी, उसी बाथरूम की, जो जल रही थी। जैसे ही मैं भीतर घुसा मैंने ज़ोर की आवाज़ सुनी और यूरिनल की तरफ़ लपका तो देखा कि सिस्टर पाका का बेटा पाबो के बेटे के साथ पीछे से लगा हुआ था।

उसी क्षण मेरे लिए एक सच्चा रहस्योद्घाटन-सा हुआ। मेरी पूरी देह मुझे कह रही थी कि मैं उस जगह होना चाहता था, जहाँ ब्रदर पाबो का बेटा था।

जब उन्होंने मुझे देखा तो वे डर गए, लेकिन तब मैं उन्हें शांत करा पाने में सफल हुआ जब मैंने भी हौले से अपनी पैंट नीचे कर दी। मैं उन्हें छू भी नहीं सका, क्योंकि ठीक उसी पल ब्रदर सामुएल भीतर आ गए और हमें पकड़ लिया।

यह ख़बर पापी तक मेरे भाइयों के माध्यम से पहुँच गई, जो इस बात पर मेरी होने वाली पिटाई को लेकर अतिउत्साहित थे। फ़रीसी की आँखों से, जब मामी ने रेडियो की आवाज़ बढ़ा दी जिस पर कोई इवैंजेलिकल स्टेशन चल रहा था, पापी ने मेरे पूरा मुँह एक हाथ से दबोचा और किसी काग़ज़ की गेंद की तरह मसलकर रख दिया। अपनी बेल्ट उतारी और मेरी पीठ की खाल उतार दी। जब उन्होंने देखा कि मैं रो नहीं रहा और मेरी पलकें भी नहीं झपक रहीं तो फिर उन्होंने बेल्ट की बक्कल से मेरे चेहरे पर प्रहार किए—तब तक जब तक कि रेडियो से क्वायर की आवाज़ आनी बंद नहीं हो गई। उन्होंने मेरी दोनों आँखें (सूजी हुईं) और मेरी नाक तोड़कर छोड़ दिया। जब वह सारी सूजन गई तो मेरा चेहरा ही बदल चुका था। अब यह मेरी कैथोलिक दादी माँ के घर पर रखे प्रार्थना कार्ड्स पर बने किसी संत के चेहरे-सा दिखने लगा था।

बाक़ी लड़कों के लिए यह बड़ा ही मोहक था। वे सभी मेरा बॉयफ़्रेंड बनना चाहते थे।

पादरी के बेटे ने मुझे वैलेंटाइन डे के दिन एक इलस्ट्रेटेड बाइबिल उपहार में दी। मुझे वे तस्वीरें देखने में बड़ा मज़ा आता था : एडम एक बड़े अंजीर के पत्ते से ख़ुद को ढकता हुआ, पहली बार उसके गुप्तांग देखना फिर ख़ुद को उसके संग इमेजिन करना लज्जा से भर देता था, लॉट की पत्नी का नमक में बदल जाना, जलते हुए शहर को ताकते हुए क्योंकि ताकना तो था ही; डेविड की कबंध, मज़बूत और आकर्षक; गोलायथ की टाँगें, उसके दैत्याकार होने के बारे में सोचकर मेरी कल्पनाएँ फूली न समाती थीं।

मेरे पिता ने मेरे साथ चर्च जाने का निश्चय किया, यह देखने के लिए कि अगर मुझे प्रार्थना की शक्ति से ठीक किया जा सकता हो तो। वह हर बार मुझे किसी चचेरे भाई के साथ लगे देखकर या आईने में मॉडलिंग करते हुए ख़ुद को निहारते हुए देखकर मारते-मारते तंग आ गए थे। वह मुझे सुपरमार्केट के बाथरूम से घसीटकर बाहर निकालते जहाँ मैं मीट पैकिंग करने वालों के साथ लगा होता। वह मुझे अपने कसे हुए हाथ से थप्पड़-मुक्के मारते और मैं खा लेता। कभी चमड़े की बेल्ट से, बक्कल से, चप्पल से, दादी की अरोयो से भेजी हुई इमली या दाने की लकड़ी से, या यार्ड में लगे हुए नींबू के पेड़ से एक छड़ी खींचकर। उस नींबू के पेड़ से मुझे नफ़रत थी। एक बार मैंने और मेरे भाइयों ने हल्ला कर दिया था कि उस नींबू के पेड़ पर हमने एक वर्जिन देखी थी। मामी इसे सुनकर परेशान हो गईं। उन्हें लगा कि अब घर में कैथोलिकों की भीड़ लग जाएगी, इसीलिए उन्होंने उसे काट दिया और फिर कोई छड़ी नहीं बची।

जब मैं पंद्रह का हुआ तो मेरे बपतिस्मा की बारी आई। मैंने मामी को ‘बार्रियो ओब्रेरो’ से मेरे कपड़े नहीं ही लेने दिए। मैंने उनसे फिर पैसे ले लिए और मॉल चला गया। कपड़े सफ़ेद ही होने चाहिए थे। मैंने एक लिनेन पैंट ली और ऊपर के लिए एक सफ़ेद गुयाबेरा शर्ट और एक चमड़े की वुमन सैंडल, जो देखने में बिल्कुल मेंस जैसी लगती थी। किसी को क्या ही पता चलने वाला था।

मैंने बस ली और ड्राइवर को देखकर ख़ुश हो गया। “शुक्रिया परमपिता…” मैंने ईश्वर का धन्यवाद किया।

ड्राइवर और मैं एक दूसरे को जानते थे। कभी-कभार वह मुझे बुलाता और परादा 20 पर मेरी प्रतीक्षा करता और फिर मुझे हाइवे-1 पर किसी मोटल में ले जाता। मैं चुनकर उस जगह बैठा, जहाँ से वह मुझे अपने ड्राइविंग शीशे में देख सकता था और मैं सीधा उसे। उसने मुझे आख़िरी स्टैंड तक साथ चलने को कहा और बताया कि यह उसकी आज की आख़िरी ट्रिप थी। फिर वह मुझे कागुआस में एक मोटल में ले गया।

चूँकि हम जल्दी फ़्री हो गए तो मैंने सोचा कि चर्च पहुँचने से पहले मैं घर जाकर ख़रीदे हुए कपड़े छोड़ आऊँ, चर्च में कोई सेल लगी थी—फ़ंडरेजर के लिए। जब मैं घर पहुँचा तो वहीं बाहर पादरी का बेटा खड़ा था। वह यह पता करने आया था कि मैं चर्च क्यों नहीं गया। घर पर कोई नहीं था तो मैं नहाने चला गया और उसे घर के भीतर आने को कहा। वह नर्वस होकर भीतर आया। मैं उसे अपने कमरे में ले गया। वह मेरे बिस्तर पर बैठा और मैंने उसके सामने बाथरूम जाने के लिए सारे कपड़े उतार दिए। मैंने पानी पहले चला दिया ताकि गरम हो जाए। मुझे ठंडा पानी बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था।

जब मैं भीतर गया तो पादरी का बेटा भी कपड़े उतारकर अंदर चला आया।

बाद में वह चर्च चला गया और मैं घर ही रुका रहा। मैंने मामी को कॉल करके कहा कि मैं घर पर ही हूँ और वह आते वक़्त मेरे लिए पकौड़े और डाइट कोक ले आए। मामी ने बताया कि उन्हें आने में देर हो जाएगी, क्योंकि उन्हें एक सिस्टर को हुमाकाओ ले जाना था जो काफ़ी दूर था। मैं बाहर बालकनी में गया और सिगरेट पीने लगा।

मैंने एक ईसाई सिंगर के साथ सिगरेट पीना सीखा था जो हमारे चर्च में बजाने आया था। जब मैंने उसे पहली बार देखा था तो वह सिस्टर्स के एक ग्रुप के साथ दुनिया के बारे में बातें करते हुए फ़्लर्ट कर रहा था। मैंने नोटिस किया कि जब जब वह मुझे देखता उसका ध्यान भटक जाता। जब वह ‘बचाता’ गा रहा था और कुछ ईसाई ऋचाएँ सुना रहा था, तब उसकी आँखें मुझ पर से नहीं हटी थीं। जब कॉन्सर्ट ख़त्म हुआ तो उसने मुझे थरथराती आवाज़ में पूछा।

“तुम गाते हो?”

“थोड़ा…”

उसने मुझे अपना क्वायर ज्वाइन करने के लिए बुलाया और मैंने उसे अपना नंबर दे दिया, लेकिन पहले उसने मेरे घरवालों से बात की और उन्हें बताया कि कैसे क्वायर में होना एक स्पेशल कॉलिंग और सर्विस-सा था। पादरी भी मान गए और मेरे घरवालों ने भी परमिशन दे दी।

मैं उस पूरी गर्मी टूर पर था और हम प्रेमी थे। वह मुझसे बड़े ऑब्सेसिव तरीक़े से प्यार करता था। जब भी अपनी सिगरेट जलाता, एक मेरे लिए भी जलाता, मैंने तभी से स्मोक करना शुरू किया, चुपके से और बराबर…

वह मुझे बताता कि स्मोक करने से आवाज़ भारी हो जाती है और इससे सिस्टर्स एक्साइटेड होती हैं। वह मुझे कहता कि जब वह सांसारिक संगीत में उतरेगा तो मुझे अपने साथ लेकर चलेगा ताकि हम साथ रह सकें। हम हर रात प्रेम करते, कभी-कभी सुबह भी। पर मेरी ‘कॉलिंग’ का समय समाप्त हो गया और थककर मैं वापिस घर लौट आया।

अभी जब मैं अपनी सिगरेट ख़त्म कर ही रहा था कि सिस्टर डालिया का पति बग़ल से गुज़रता हुआ दिखा। वह एक्यूडकटस में काम करता था और बोली से थोड़ा भटका हुआ था।

“यह तुम्हारे लिए हानिकारक है!” उसने मुझसे कहा और आस-पास की रेकी के बाद पूछा, “क्या तुम अकेले हो?”

“हाँ।”

“तुम हमेशा बड़े चुप-चुप से लगते हो। मैं तुम्हें स्मोक करता हुआ देखकर चकित हूँ। तुम ऐसे भी कोई संत नहीं हो।”

खिड़की से बाहर देख पाते रहने के लिए, उसने मुझे बाल पकड़कर मामी के कमरे में खींच लिया और मुझे दबोच लिया, लार चुआते हुए मुझसे कहता रहा कि मेरे संग करने में उसे कितना मज़ा आ रहा है। जब हमारा ख़त्म हुआ तो डालिया का पति चला गया। मैं लेट गया और वह बाइबिल उठा ली जो मुझे पादरी के बेटे ने दी थी, और फिर ख़ुद को एक ऋचा पढ़कर सुला लिया। अगले दिन मेरा बपतिस्मा था।

यंक में मेरे बपतिस्मा में जाने से पहले मामी ने जब मेरी सैंडल्स देखीं तो ग़ुस्से से बौखला गईं, ‘‘तुम ‘मौगा’ लग रहे हो…” उन्होंने मुझसे कहा, “तुम ऐसे कहीं नहीं जा रहे।’’ मैंने नहीं बदला। उन्होंने एक खंजरी मेरे मुँह पर दे मारी। मेरे बाल खींचे और मुझे थप्पड़ मारती रहीं, लेकिन मैंने सैंडल्स नहीं बदले। मैं बपतिस्मा में उसी ड्रेस में जा रहा था। जब वह मुझे मार-मार कर थक गई तो उसने मुझसे कहा :

“वह तुम्हें ही मौगा बुलाएँगे।”

जब हम वहाँ पहुँचे, मामी ने अपनी बाइबिल पकड़ी और मुझे छोड़ दिया। मैं सिस्टर एवेलिन के पास गया जो इनचार्ज थी और वहाँ अपना दाख़िला करवाया। फिर मैं थोड़ी दूर पर एक जगह गया, जहाँ चर्च की बसें लगी हुई थीं। मामी की पिटाई से सूजा हुआ, मैं एक पत्थर पर बैठ गया। आसमान की तरफ़ देखा और ईश्वर से जेस फैन प्रार्थना की कि मैं एक बार उससे संवाद करना चाहता था। ईश्वर ने स्वर्ग से उतरती एक आवाज़ में मुझसे संवाद किया और वह आवाज़ मेरे कानों में गूँजी। “तुम एक घमंडी क़िस्म के दिमाग़ हो और तुम वह सब नहीं कर सकते जो तुम करते हो।’’

“लेकिन फ़ादर…” मैंने उनसे कहा, “अगर मैं चोज़ेन वन हूँ और और मैं जो चाहूँ वो न कर सकूँ तो इसका क्या ही मतलब है? और हाँ, मुझे माफ़ करो, तुम ईश्वर हो पर तुम्हें याद दिलाता हूँ कि मेरे पास भी फ़्री-विल है।” वह चुप हो गया, लेकिन मैंने उसे सोचते हुए सुना।

“अब यह तुम पर निर्भर करता है…” आख़िर में उसने कह ही दिया, “मेरा आशीर्वाद लेते जाओ।”

जब मीटिंग ख़त्म हुई तो मैं संतुष्ट था। मैंने अपना पक्ष रख दिया था। पत्थर पर बैठे हुए मैंने दूर बस में एक ड्राइवर को उसकी सीट पर बैठे, मेरी तरफ़ देखते हुए देखा। उसने मुझे आने का इशारा किया। मैं उसकी बस में चढ़ गया और उसने पहले ही अपनी पतलून उतारे रखी थी। हम सबसे पिछली रो में लगे रहे। वह मुझे अच्छा लगा क्योंकि वह डर्टी टॉक भी कर रहा था, मेरा चेहरा पकड़कर मुझसे गंदी बातों के बीच में कहता रहा कि कैसे उसने ऐसा कुछ पहले नहीं देखा। पसीने से तरबतर मैं बस से निकला, बपतिस्मा की प्रतीक्षा करते हुए—पानी में ख़ुद को शीतल कर लेने के लिए।

मैं लाइन में जाकर खड़ा हो गया और उन्होंने मुझे एक मोमबत्ती दे दी। पापी, जो पहले पादरी की मदद करने गए थे, अब मामी के साथ थे। वे नदी किनारे से देख रहे थे और परेशान से थे। वे मुझे बपतिस्मा के पानी में उतरते हुए देखना चाहते थे, कि अगर होली स्पिरिट मुझमें उतरकर मुझे बदल सकता था। मैं लाइन में तीसरे नंबर पर था और जल्दी ही मेरी बारी आ गई।

पादरी ने मेरी ओर दार्शनिक मुद्रा में देखा, जो मुद्रा बनाना उसे ख़ूब आता था। फिर क्रोध से देखा और फिर उसकी आँखों ने मेरा मलिन चेहरा देखा। मुझे अपनी ओर ऐसे देखते हुए देखकर वह आनंद से भर गया और फिर अपना आवेश बहाने लगा। मैंने उसकी साँवली स्थूल देह को सफ़ेद भीगे कपड़ों में आर-पार देखा। बाँह पर भीगे हुए बाल… मैं समझ गया था कि उसने भी मुझे यह सब देखते हुए देख लिया है। मैंने उसके पतलून के भीतर, सफ़ेद कॉटन जॉकी शॉर्ट्स के भीतर तक अपनी नज़र दौडाई, वह एक्साइटेड हो गए, किनारे पर मैंने ब्रदर्स को मेरे रूप से आकर्षित होता हुआ देखा। दूर से पापी को मुझे यह सब देखते हुए भी देखा। उनका चेहरा बोल रहा था कि यह लड़का कैसा दानव है। मामी को पापी की आँखों में मेरे इस दानवता को देखते हुए देखा। मैंने पादरी की तरफ़ से मुड़ते हुए उनके बड़े होते, आकार लेते अंग को देखा जब वह मुझे पानी में डुबा रहे थे।

पानी की आवाज़ से मेरे कान बजने लगे। नीचे पत्थरों के बीच एक बियर की कैन पड़ी हुई थी। एक पुरानी टेनिस के जूते में फँसा हुआ एक झींगा। मैंने पानी में नीचे पादरी के पाँव को उसकी रबर के नीले हवाई चप्पलों में देखा। फिर उसने मुझे पानी से बाहर निकाला और अपनी बाँहों में थाम लिया। “तुम पवित्र हो…” उसने मुझसे कहा और कनखी मारी।

थोड़ी देर बाद जब मेरे परिवार के साथ वे मेरी तस्वीरें ले रहे थे, तब पादरी ने घोषणा की कि मैं उसके साथ अकेले चर्च तक वापस जाऊँगा, क्योंकि कुछ चीज़ें थीं जिनके बारे में हमें बात करनी थी। मेरे परिवार ने इसके लिए अनुमति भी दे दी।

हमारे मोटेल तक पहुँचने का भी इंतज़ार वह नहीं कर सका। रास्ते में ही मुझसे ख़ुद को छुआने लगा। मैं उसका अंग देखता रहा, उसके बेटे के अंग से मेल खाता हुआ।

“मुझे कुछ दैवीय महसूस हुआ…” बिस्तर पर थकान से चूर उसने कहा, “तुम मेरे लिए एक रहस्य हो!”

उसने मुझे गले से लगाया और रोने लगा, उसने मुझे बाँहों में भरा—ठीक उसी दिन की तरह जब उसने मेरे बारे में आकाशवाणी की थी… और मुझसे कहा कि वह मुझसे प्यार करता है। मैंने उससे जिंदगी भर प्यार करने का वादा किया और ऑर्लेंडो जाकर, एक चर्च ढूँढ़कर, उसके साथ रहने का वादा भी। लेकिन मैं नहीं चाहता था कि वह अपनी कार में मझे मेरे घर तक छोड़े। मैंने उससे कहा कि वह मुझे चर्च तक छोड़ दे। मैं थोड़ी देर अकेला रहना चाहता था और अपना दिमाग़ साफ़ करना चाहता था और इस सर्द रात की हवा को अपने चेहरे पर महसूस करना चाहता था और देखना चाहता था कि अगर घर के रास्ते में मुझे कोई लड़का मिल जाए। फिर मैं लेट जाऊँगा, ऋचाएँ पढूँगा और सीधा नींद में उतर जाऊँगा।


लुइस नेग्रोन (जन्म : 1970) ‘लोस ओत्रोस केर्पोस’, जो पुर्तोरिको से क्वियर लेखन का संकलन है, के सह-संपादक हैं। वह अभी संत्रुस, पुर्तोरिको में रहते हैं। यहाँ प्रस्तुत कहानी का स्पैनिश से अँग्रेज़ी में अनुवाद सुजान जिल लेविन ने किया है। यह प्रस्तुति ‘सदानीरा’ के क्वियर अंक में पूर्व-प्रकाशित। प्रत्यूष पुष्कर से परिचय के लिए यहाँ देखें : एक अकेली छवि वैभव नहीं है

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