चक पॉलनीक के कुछ उद्धरण :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : निशांत कौशिक
होने के किनारों का अँधेरा घना है
कविताएँ :: प्रकृति करगेती
तनाव की नाटकीयता मुझे नशे में अच्छी लगी
गद्य :: निशांत कौशिक
उदास स्वरों की गलियाँ
कविताएँ :: ऋतेश कुमार
अंतर्विरोध के मारे पंडित प्रेम को गल्प कहते थे
कविताएँ :: सपना भट्ट
कुछ यंत्रणाओं के चिह्न नहीं होते देह पर
कविताएँ :: गुंजन उपाध्याय पाठक