कविताएँ :: उज्ज्वल शुक्ल
यह जानते हुए भी कि मुझे कहाँ रास आता है प्रेम
कविताएँ :: सपना भट्ट
अगर तुम प्रेमियों की अन्यता से निपटना सीखना चाहती हो तो बिल्लियाँ पालो
यूनिस डी सूज़ा की कविताएँ :: अनुवाद और प्रस्तुति : शिवम तोमर
मैं दबाकर रखी गई चीख़ हूँ जो तुम्हें बावला कर सकती है
कविताएँ :: यशस्वी पाठक
मैं भूल गया था—मेरा रक्त ही मेरा मूल धर्म है
कविताएँ :: आशुतोष प्रसिद्ध
हम ईश्वर के लिए लालायित रहते हैं, क्योंकि मनुष्य सतत प्रार्थना है
यून फ़ुस्से के कुछ उद्धरण :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा