एडना सेंट विन्सेंट मिले की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : रीनू तलवाड़

एडना सेंट विन्सेंट मिले

पहली कौड़ी

जलती है मेरी मोमबत्ती दोनों सिरों पर
पूरी रात न चल सकेगी
आह! मेरे दुश्मनो, ओह! मेरे दोस्तो,
यह कितनी सुखद रोशनी देती है मगर।

दूसरी कौड़ी

सुरक्षित खड़े हैं मज़बूत पत्थरों पर बेढब घर
आओ देखो मेरा चमकीला महल जो बना हुआ है रेत पर!

भाटा

जानती हूँ मेरा दिल कैसा-कैसा हो गया है
चुक गया है जबसे तुम्हारा प्रेम
किसी खोखले कगार पर
जैसे ज्वार से छूटा
कोई कुंड
कुनकुने पानी का कुंड
सूख रहा है जो छोर से
भीतर की ओर।

हाँ, मैं तुम्हें खो चुकी हूँ

हाँ, मैं तुम्हें खो चुकी हूँ; और सीधी तरह खो चुकी हूँ
अपने तरीक़े से, और अपनी पूरी सहमति से।

तुम जो चाहो कहो, अपनी बग्घियों में बादशाहों ने भी शायद ही
लगाया हो गले अपनी मौत को इससे निडर तरीक़े से
मानती हूँ,
थी कुछ रातों की अकुलाई और गर्म रुलाई,
लेकिन यह मुझे स्वीकार था,
दिन ने पोंछे मेरे आँसू, ऐसी नहीं थी मैं कि रख लेती
रगड़ खाते उन पंखों को पिंजड़े में
हो सकते थे जो आज़ाद।

अगर किया होता मैंने तुमसे कम प्यार, दिया होता धोखा
शायद रोक लेती तुम्हें एक वसंत और
मगर उन शब्दों की क़ीमत पर जो हैं मेरे लिए अनमोल
और वैसा कोई वसंत होता भी नहीं जैसा बीता था

जी लूँ अगर इस वेदना को—जैसे ख़ूब जीते हैं मर्द—
तुम्हारे बारे में कहने को केवल अच्छा ही होगा मेरे पास।

एडना सेंट विन्सेंट मिले (1892–1950) अमेरिकी कविता की समादृत हस्ताक्षर हैं। रीनू तलवाड़ सुपरिचित हिंदी लेखिका, अनुवादक और अध्येता हैं। उनसे और परिचय के लिए यहाँ देखें : अपूर्ण का अचरज

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