फ़ेंटन जॉनसन की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमित तिवारी

फ़ेंटन जॉनसन

शाम में

एक

प्रेम लौटता है, शाम में
जैसे लौटता है कोई घुमंतू समुद्र पार कर
प्रेम लौटता है, शाम में
मेरे लिये एक बैंगनी फूल ले कर
जीवन एक गीत बन जाता है, शाम में
और मैदान भर जाते हैं हरियाली से
सितारे बन जाते हैं सुनहरे राजमुकुट,
और उत्सुक हो उठती हैं ईश्वर की आँखें।

दो

सूरज के डूबने के साथ ही
दुःख का अंत हो जाता है, शाम में
जब प्रसन्नता का दौर ख़त्म होता है
तो उल्लास की शुरुआत होती है, शाम में
चुम्बन मधुर हो उठते हैं, शाम में
उन्माद की बेल से झूलते हुए
“मैं तुम्हारी हूँ और तुम मेरे”
तुम्हारी ये आवाज़ आती है, शाम में।

शासक

ऐसा कहा जाता है कि संकटग्रस्त दिनों में यूरोप के कई राजा एक दिन की ख़ुशी के लिए अपना राजमुकुट बेचने को तैयार रहते थे।

मैंने एक राजा को देखा है जिसने ख़ुशियों वाला रत्न कस कर पकड़ा हुआ था।

फ़िलाडेल्फ़िया के लॉम्बार्ड स्ट्रीट पर, जब शाम धरती पर गिर रही थी, एक मज़दूर पर मेरी नज़र पड़ी जो चंद्रमा से रहित आकाश से भी अधिक धूमिल था। वह आटे की बोरियों के सिंहासन पर बैठा था और राजसी ढंग से अपने हाथ हिला रहा था, जब दो छोटे लड़के गिटार पर उस दिन की टूटी-फूटी धुनें बजा रहे थे।

भगवान उस बादशाह पर अपनी कृपा बनाए रखे जो फ़िलाडेल्फ़िया के लॉम्बार्ड स्ट्रीट पर राज करता है।

मैं थक चुका हूँ

मैं काम करते-करते थक चुका हूँ।
मैं थक चुका हूँ किसी और की सभ्यता का निर्माण करते,
आओ थोड़ा आराम करें म्लिसी जेन।

मैं ‘लास्ट चांस सलून’ जाऊँगा, एक या दो गैलन जिन पियूँगा, पासे के एक-दो खेल खेलूँगा और बाक़ी की पूरी रात माइक के किसी एक पीपे पर सो रहूँगा।

तुम पुरानी झोपड़ी को सड़ जाने देना, गोरे लोगों के कपड़ों को झर जाने देना और ‘कैवलरी बैप्टिस्ट चर्च’ को अथाह गहरे गड्ढे में डूब जाने देना।

तुम अपने दिन ये भूलते हुए बिता देना कि तुमने मुझसे शादी की और रातें गर्म जिन की तलाश में बिता देना जो माइक औरतों को ‘लास्ट चांस सलून’ के पीछे देता है।

बच्चों को नदी में फेंक देना, जोकि सभ्यता ने हमें बहुत अधिक दे दिए हैं।

आप अश्वेत हैं, बड़े होकर यह जानने की बजाय (छुटपन में) मर जाना बेहतर है।

स्वर्ग से तारे नोच लेना। वे सितारे जो हमारा भाग्य तय करते हैं। वे सितारे जिन्होंने मेरा भाग्य तय किया।
मैं सभ्यताओं से थक चुका हूँ।

दिवास्वप्न

एक

मैं नक्षत्र-प्रकाश था,
मैं चंद्र-प्रकाश था,
मैं सूर्यास्त था,
अपने जीवन के सूर्योदय से पहले;
मैं नदी था
बैंगनी सपनों की तरफ़
लगातार घुमाव लेती हुई,
युवा वसंत के समय की
मैं चमक था,
मैं गीत था
गाने वाली सुनहरी चिड़ियों का,
मैं प्रेम था।

दो

मैं सूर्य-प्रकाश था,
मैं सांध्य-प्रकाश था,
मैं जन्म से पहले
पंख वाले जीवों की गुनगुन था;
मैं लालिमा था
नई कुमुदिनी की,
युवा संघर्षों का
मैं स्वप्न था,
मैं ग्रीष्म था,
मैं पतझड़ था,
मैं सदाबहार था—
मैं प्रेम था।


फ़ेंटन जॉनसन (1888-1958) शिकागो, इलिनॉय के सबसे समृद्ध अश्वेत परिवारों में से एक में जन्मे अमेरिकी कवि थे। वह हार्लेम रेनेसाँ के अग्रणी कवि माने गए। उन्हें उन्नीसवीं शताब्दी के परंपरागत और नए गीतात्मक कवियों के बीच की कड़ी माना गया। उन्होंने एक यूनिवसिर्टी में पढ़ाया, न्यूयार्क के एक अख़बार में बतौर पत्रकार काम किया, और शिकागो में पत्रिकाओं का संचालन और उनमें योगदान दिया। अपने आरंभिक वर्षों में वह पादरी बनना चाहते थे। इस इच्छा का असर उनकी बहुत सारी कविताओं और बिम्बों में दिखता है। उनके तीन कविता-संग्रह, एक लघु कथा-संग्रह और एक निबंध-संकलन प्रकाशित हुए। उन्होंने कई नाटक भी लिखे जो अब अप्राप्य हैं। यहाँ प्रस्तुत कविताएँ अँग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद करने के लिए poets.org से चुनी गई हैं। अमित तिवारी हिंदी की नई पीढ़ी से संबद्ध कवि-लेखक और अनुवादक हैं। उनसे और परिचय के लिए यहाँ देखें : मुझे एक भगवान सरीखा भगवान चाहिए

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