विलियम फॉकनर के कुछ उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा

विलियम फॉकनर

शायद उन्होंने प्यार के बारे में किताबों में लिख कर सही किया। शायद वह और कहीं बचा नहीं रह सकता है।

आप तब तक नए क्षितिज की ओर तैर नहीं सकते हैं, जब तक कि आप किनारे को दृष्टि से ओझल करने की हिम्मत न करें।

हमें इसलिए स्वतंत्र नहीं होना चाहिए, क्योंकि हम स्वतंत्रता का दावा करते हैं; बल्कि इसलिए कि हम इसे जीते हैं।

अतीत कभी मरता नहीं है। वह बीतता भी नहीं है।

मुझे दर्द के अनुभव और कुछ नहीं के बीच चुनना पड़े, तब मैं दर्द का चयन करूँगा।

लेखन में आपको अपने सभी प्रिय पात्रों को मार देना चाहिए।

प्यार के बारे में सबसे दुखद बात यह है कि वह हमेशा बना नहीं रह सकता।

कितनी ही बार मैं घर के बारे में सोचते हुए, बारिश में किसी अजनबी छत पर सो चुका हूँ।

बात करो, बात करो, बात करो : शब्दों की निरी शोकाकुल करने वाली मूर्खता।

लेखक मत बनो। लिखो।

उत्सुक बनो। जाओ और चकित हो जाओ।

सपनों का एक समय में एक ही मालिक होता है। इसलिए सपने देखने वाले अकेले होते हैं।

अगर आपमें कोई कहानी है, तब उसे सामने आना चाहिए।

प्यार करो, क्योंकि आप गुण के कारण नहीं; बल्कि दोषों के बावजूद प्यार करते हैं।

जब तक आप अब स्वयं पर शर्मिंदा नहीं होते, तब तक आप ईमानदार नहीं हैं।

अगर मैं ख़ुश हो सकता हूँ, तब मैं खुश हो जाऊँगा; अगर मुझे मुझे दुखी होना है, तब मुझे दुख उठाना ही पड़ेगा।

सबसे अच्छी कल्पना किसी भी पत्रकारिता की तुलना में कहीं अधिक सच होती है।

जो आदमी पहाड़ को हटाता है, वह शुरू में छोटे- छोटे पत्थरों को हटाता है।

प्यारे भगवान, मुझे थोड़ी देर, थोड़ी और देर तक शापित बने रहने दो।

हमें ख़ुद को निडर होने के लिए सिखाना शुरू करना होगा।

प्यार नहीं मरता है, पुरुष और स्त्रियाँ मरा करते हैं।

अपने समकालीनों या पूर्ववर्तियों से बेहतर होने की चिंता मत करो। ख़ुद से बेहतर बनने की कोशिश करो।

सज्जन व्यक्ति अपने कामों की ज़िम्मेदारी को स्वीकार करता है और उनके परिणामों को भुगतता है।

लिख डालो। कोशिश करो। यह प्रयास बुरा हो सकता है, लेकिन यही एकमात्र तरीक़ा है, जिससे आप कुछ अच्छा कर सकते हैं।

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साल 1949 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित विलियम फॉकनर (25 सितंबर 1897–6 जुलाई 1962) सुविख्यात अमेरिकी उपन्यासकार हैं। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत एक कवि के रूप में की, मगर जल्द ही वह कथा-साहित्य की ओर मुड़ गए। उनके यहाँ प्रस्तुत उद्धरण हिंदी अनुवाद के लिए goodreads.com से चुने गए हैं। सरिता शर्मा सुपरिचित हिंदी लेखिका और अनुवादक हैं। ‘सदानीरा’ पर उपलब्ध कुछ और संसारप्रसिद्ध साहित्यकारों-विचारकों के उद्धरण यहाँ पढ़ें :

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2 Comments

  1. पवन भारद्वाज मार्च 27, 2020 at 1:26 अपराह्न

    बहुत ख़ूब… धन्यवाद

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  2. मुकेश चंद्र शर्मा अप्रैल 3, 2020 at 2:25 अपराह्न

    वाह। शानदार।

    Reply

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