ली मिन-युंग की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया

ली मिन-युंग │ तस्वीर सौजन्य : Taipei Times

पुकार की सीमा में

दूर की आवाज़ें
सुन सकता हूँ मैं
शायद
जो आती हैं
दुर्दांत अपराधियों के लिए बने फाँसीघरों से
या
अस्पताल के प्रसूति कक्ष से

रात के एकांत में
मैं कविता पढता हूँ
एक पराई ज़मीन से

कवि, भाषा की स्ट्रैचर पर
एक राजनीतिक बंदी को फाँसीघर से बचा लाता है
और बैप्टाइज़ करता है उसे

पर मुझे बेहतर यह लगेगा
कि सूरज चढ़ने से पहले
एक नवजात को हौले से
झूला झुलाती हो कोई नर्स

गर्भाशय से अभी जन्मा
रोता हुआ बच्चा
सच में
स्त्रीत्व का आमोद है

मेरा देश

मेरा देश
मेरे दिल में ज़ब्त
एक रहस्य भर नहीं है

वहाँ नहीं हैं कँटीली बाड़ तारों की
कोई पुलिसिया सेना नहीं

वहाँ का झंडा, पत्तियों से बना हुआ
लहरें वहाँ, हवा में हिलोरें मारतीं

पूरे द्वीप की धरती पर स्थित पेड़
मानो झंडे टाँगने के पोस्ट हैं

कूक मारता हुआ
पंछियों का एक झुंड
जंगल से उत्तर देता है
प्रकृति की भेजी हुई
हवा की ताल का

सपना

एक दरार थी हक़ीक़त के बीच
जिससे होकर मैं बच निकला
साँझ ढलने के बाद

हालाँकि
उम्रक़ैद पाए क़ैदी की तरह
जेल में रखा था मुझे
तुमने

छूट भागने के बाद
आज़ाद था मैं

तुम नहीं जकड सके
मेरे हाथ में खिंची प्यार की लकीर को
तुम पकड़ नहीं सकते
मेरे क़दमों से छूटे नफ़रत के निशानों को

विलियम मार के अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधृत 

सीमाएँ

कोई सरहद नहीं होती
नीले सागर से घिरे
एक द्वीप की

कोई सरहद नहीं होती
चमकते आसमान के नीचे स्थित
एक द्वीप की

और वे होते कौन हैं
सीमाएँ तय करने वाले
लोहे के परकोटे बनाकर

कँटीली बाड़
कस देती है लगाम
उत्कंठा पर
लंबी यात्राओं की

घनी जालियाँ
लगा देती हैं विराम
उम्मीदों पर
मुक्त उड़ान की

के. सी. तू के अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधृत

यदि तुम पूछो

यदि तुम पूछो
कौन है ताइवान द्वीप का पिता
मैं तुम्हें कहूँगा
आकाश है ताइवान द्वीप का पिता

यदि तुम पूछो
कौन है ताइवान द्वीप की माँ
मैं तुम्हें कहूँगा
समुंदर माँ है ताइवान द्वीप की

यदि तुम पूछो
क्या था ताइवान द्वीप का बीता हुआ कल
मैं तुम्हें बताऊँगा
ताइवान के इतिहास की परतों में दबे
ख़ून और आँसुओं के बारे में

यदि तुम पूछो
कैसा दीखता है वर्तमान ताइवान द्वीप का
मैं तुम्हें बताऊँगा
ताइवान की आत्मा को
गला रहा है
शक्तिसंपन्नों का भ्रष्टाचार

यदि तुम पूछो
कैसा होगा ताइवान द्वीप का भविष्य
मैं तुम्हीं से कहूँगा
अपने क़दमों पर खड़े हो जाने को
रास्ता भविष्य का
तुम्हारे लिए खुला है

जोयस हुआंग के अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधृत

देवेश पथ सारिया हिंदी कवि-लेखक और अनुवादक हैं। उनके किए अनुवाद में गए दिनों ‘सदानीरा’ पर तू-फू, सू-कुंग शू और जॉन गुज़लोव्स्की की कविताएँ पढ़ी और पसंद की जा चुकी हैं। यहाँ प्रस्तुत ली मिन-युंग की कविताएँ उन्होंने ‘सदानीरा’ को इस नोट के साथ भेजीं :

ताइवान के इस कवि का अनुवाद अब तक किए अनुवादों में सबसे मुश्किल काम रहा। इसकी वजह इनका ताइवान के इतिहास और यहाँ के सरोकारों से गहरा जुड़ाव है। मैंने अपना सर्वोत्तम प्रयास किया है। पहली दो कविताओं के अँग्रेज़ी अनुवादकों के नाम उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि वे मुझे कवि ने सीधे ई-मेल कीं और अनुवादक के नाम का उल्लेख वहाँ नहीं था।

1947 में दक्षिणी ताइवान के काओशुंग शहर में जन्मे ली मिन-युंग ताइवान के चर्चित साहित्यकारों में शुमार हैं। वह कवि, आलोचक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनकी कविताओं का अन्य भाषाओं में अनुवाद होता रहा है। उन्होंने निबंध भी लिखे हैं। इतिहास, सामाजिक सरोकार और ताइवान से गहरे जुड़ाव के कारण उनकी कविताएँ बहुआयामी तरीक़े से अपनी मिट्टी के संदर्भ बयान करती हैं। वह कविता-केंद्रित पत्रिका ‘ली पोएट्री’के संपादक रह चुके हैं और 2007 के ‘नेशनल आर्ट्स अवार्ड इन लिट्रेचर’ सहित कई सम्मानों से नवाज़े गए हैं। यहाँ प्रस्तुत कविताओं में से पहली दो कविताएँ अनुवादक के आग्रह पर कवि ने अपनी पसंद से चुनकर अँग्रेज़ी में उपलब्ध कराई हैं। तीसरी और चौथी कविता poetasdelmundo.com से अंतिम कविता alexisgregg.com से ली गई है।’’

प्रतिक्रिया दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *