विन्सेंट वॉन गॉग के कुछ उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : गार्गी मिश्र
एक अच्छा चित्र एक अच्छे कर्म के समान है।
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हर चीज़ की जड़—चित्र है।
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नीले को समझने के लिए पहले तुम्हें पीले और नारंगी को समझना होगा।
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किसी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है कि वह बग़ीचे में काम करे और फूलों को बढ़ता हुआ देखे।
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एक चित्र में जिसे रंग कहते हैं, उसे ही जीवन में उत्साह कहते हैं।
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हम हर दिशा से कविताओं से घिरे हुए हैं।
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मैं उसी वक़्त ख़ुद को ज़िंदा पाता हूँ जिस वक़्त मैं चित्र बना रहा होता हूँ।
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मैं एक ‘कोई भी नहीं’ हूँ।
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जो प्रश्न हमेशा मेरे दिमाग़ में घूमता रहता है, वह यह है : मैं किस चीज़ में बेहतर हूँ। क्या मैं किसी भी तरह से किसी भी काम के लिए उपयोगी नहीं हूँ।
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तूफ़ानों में भी एक किस्म की शांति उपस्थित है।
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जो ज़रूरी हो उसे बढ़ावा दो। रहने दो अस्पष्ट उसे जो स्पष्ट हो।
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चीज़ों को देर तक देखना तुम्हें परिपक्व बनाता है और उनके गहरे अर्थ समझाता है।
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मनुष्य का हृदय समंदर जैसा है, इसमें तूफ़ान है; लहरें हैं और इसकी गहराई में मोती भी हैं।
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मुझे निश्चित रूप से कुछ भी नहीं मालूम है। लेकिन तारों को देख मैं स्वप्न देखता हूँ।
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‘सामान्यता’ एक पक्की सड़क है : इस पर चलना तो आरामदायक है, पर इस पर कोई फूल नहीं उगता।
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उदासी हमेशा के लिए रहेगी।
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कला उनके लिए सांत्वना है, जिन्हें जीवन ने तोड़ दिया है।
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मैं अपने चित्रों को स्वप्न में देखता हूँ और अपने स्वप्नों के चित्र बनाता हूँ।
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अगर तुम्हारे भीतर से एक आवाज़ आती है कि तुम चित्र नहीं बना सकते, तब किसी भी तरह से तुम्हें चित्र बनाने चाहिए; और फिर वह आवाज़ शांत हो जाएगी।
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बहुत सारी चीज़ों से प्यार करना अच्छा है, क्योंकि उनमें सच्ची ताक़त निहित है। जो कोई भी ज़्यादा प्यार करता है, बेहतर कार्य कर पाता है और बहुत कुछ हासिल करता है। और प्यार में जो भी किया गया, वह अच्छा है।
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बिना शिकायत के सहना, एकमात्र सबक़ है जो हमें इस जीवन में सीखना है।
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किसी दिन मृत्यु हमें एक अन्य सितारे तक ले जाएगी।
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विन्सेंट वॉन गॉग (1853-1890) संसारप्रसिद्ध डच चित्रकार हैं। उनके यहाँ प्रस्तुत उद्धरण इंटरनेट से चुने गए हैं। गार्गी मिश्र कविता, कला और अनुवाद के इलाक़े में सक्रिय रहती हैं। ‘सदानीरा’ पर उपलब्ध संसारप्रसिद्ध साहित्यकारों-विचारकों के उद्धरण यहाँ पढ़ें : उद्धरण