सुजान सौन्टैग के कुछ उद्धरण ::
अनुवाद : सरिता शर्मा

सारी समझदारी हमारे द्वारा दुनिया को उस रूप में स्वीकार न करने के साथ शुरू होती है, जैसे कि यह दिखाई देती है।
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लोगों को कलाकार की निजी मंशा को जानने की ज़रूरत नहीं है। उसका काम ही सब कुछ दर्शाता है।
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दुःख की घाटी में, पंख फैलाओ।
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करुणा, करुणा, करुणा। मैं नए साल के लिए प्रार्थना करना चाहती हूँ, संकल्प नहीं। मैं साहस के लिए प्रार्थना कर रही हूँ।
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सिर्फ़ वही उत्तर दिलचस्प हैं जो प्रश्नों को ख़त्म कर देते हैं।
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बूढ़ा हो जाने का डर इस बात से पैदा हुआ है कि मनुष्य अब वैसा जीवन नहीं जी रहा है, जैसा कि वह चाहता है।
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जीवन फ़िल्म है, मृत्यु तस्वीर है।
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बुद्धिमत्ता वास्तव में एक प्रकार की अभिरुचि है : विचारों की अभिरुचि।
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मेरी दिलचस्पी केवल उन लोगों में है जो स्वयं को बदलने के उपाय में लगे हुए हैं।
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मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि आप यथासंभव दिलेर बनिए।
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मेरे विचार से लेखक वह है, जिसकी दिलचस्पी हर चीज़ में है।
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देहमात्र बन कर रह जाना कितना उबाऊ है।
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प्रेम मर जाता है, क्योंकि उसका जन्मना ही ग़लत था।
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वास्तविक कला में हमें उत्तेजित करने की क्षमता होती है।
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प्यार करने का मतलब—किसी दूसरे व्यक्ति के लिए बर्बाद होने की तैयारी।
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मेरा पुस्तकालय मेरी लालसाओं का लेखागार है।
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मुझे लगता है कि लेखक वह होता है जो दुनिया पर ध्यान देता है।
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मलार्मे ने कहा कि दुनिया में सब कुछ इसलिए मौजूद है कि एक किताब में समाप्त हो जाए। आज सब कुछ इसलिए मौजूद है कि वह एक तस्वीर में समाप्त हो जाए।
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कोई कभी भी किसी को उसकी भावना को बदलने के लिए नहीं कह सकता है।
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एक बेहतर किताब हृदय को शिक्षित करती है।
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मैं अपनी पूरी ज़िंदगी बात करने के लिए किसी बुद्धिमान व्यक्ति को तलाश करती रही हूँ।
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सुजान सौन्टैग (16 जनवरी 1933-28 दिसंबर 2004) प्रसिद्ध अमेरिकी लेखिका और विचारक हैं। यहाँ प्रस्तुत उद्धरण azquotes.com से चुने गए हैं। सरिता शर्मा सुपरिचित हिंदी लेखिका और अनुवादक हैं। उनके किए कुछ और संसारप्रसिद्ध लेखिकाओं के उद्धरण यहाँ पढ़ें :