मिलान कुंदेरा के कुछ उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा

मिलान कुंदेरा

दो लोगों का प्यार में दुनिया से दूर, अकेले होना, यह सुंदर है।

आप दो व्यक्तियों के आपसी प्रेम को उनके द्वारा परस्पर बोले गए शब्दों से नहीं माप सकते हैं।

जब दिल बोलता है, तब मन को उस पर आपत्ति करना अभद्र लगता है।

प्यार उस आधे भाग के लिए चाह है जिसे हमने खो दिया है।

जब ताक़तवर लोग इतने कमज़ोर थे कि वे कमज़ोर को नुक़सान नहीं पहुँचा सकते थे, तब कमज़ोर व्यक्तियों को इतना मज़बूत होना चाहिए था कि वे चले जाते।

जो आदमी उस जगह को छोड़ना चाहता है, जहाँ वह रहता है, वह दुखी आदमी है।

हम कभी नहीं जान सकते कि हम क्या चाहते हैं, क्योंकि एक ही जीवन जीने के चलते, हम न तो इसकी तुलना अपनी पिछली ज़िंदगियों से कर सकते हैं और न ही इसे अपनी आने वाली ज़िंदगियों में सुधार सकते हैं।

कोई परिपूर्णता नहीं है, केवल जीवन है।

एक उपमा भी प्यार को जन्म दे सकती है।

मैं चाहता हूँ कि तुम उतने कमज़ोर हो जाओ जितना कमज़ोर मैं हूँ।

प्यार साम्राज्य की तरह होता है : जिस विचार पर वह आधारित होता है, जब वह चकनाचूर हो जाए, तब प्रेम भी फीका पड़ जाता है।

जीवन का महत्त्व क्या हो सकता है, अगर जीवन के लिए पहला पूर्वाभ्यास जीवन ही हो?

ताक़त के विरुद्ध मनुष्य का संघर्ष भूलने के विरुद्ध स्मृति का संघर्ष है।

हँसना गहराई से जीना है।

आदमी अपनी अज्ञानता के लिए ख़ुद ज़िम्मेदार है।

प्यार या तो पागल है या कुछ भी नहीं है।

सौभाग्यवश स्त्रियों में घटना घट जाने के बाद अपने कार्यों के अर्थ को बदलने की चमत्कारी क्षमता होती है।

ख़ुशी दुहराने की तड़प है।

इंसान का गुण स्वयं का विस्तार करने, स्वयं से बाहर निकलने और अन्य लोगों में और उनके लिए मौजूद रहने की क्षमता में निहित है।

जितनी अधिक अस्पष्टता होगी, आनंद उतना ही अधिक होगा।

उसे औरत के रूप में पैदा होने के ख़िलाफ़ विद्रोह करना उतना ही मूर्खतापूर्ण लगा जितना कि उस पर गर्व करना।

क्या यह सच नहीं है कि लेखक केवल अपने बारे में लिख सकता है?

प्रेम की भावना हम सभी को दूसरे व्यक्ति को जानने की भ्रामक मिथ्या धारणा देती है।

सबसे सरल सवाल ही वास्तव में गंभीर हैं।

मैं उनसे घृणा नहीं कर सकता, क्योंकि मुझे कुछ भी उनके साथ नहीं जोड़ता है; मेरे और उनके बीच कुछ भी समान नहीं है।

अगर एक बार उसके प्यार को प्रचारित कर दिया गया, तब उसका वज़न बढ़ जाएगा, वह बोझ बन जाएगा।

स्वर्ग की तृष्णा मनुष्य के मनुष्य न होने की ललक है।

हमें कभी भी भविष्य को स्मृति के बोझ के नीचे दब नहीं जाने देना चाहिए।

…चूँकि प्यार निरंतर पूछताछ है। मैं प्यार की इससे बेहतर परिभाषा के बारे में नहीं जानता।

अगर आप अनंत की तलाश कर रहे हैं, तब बस अपनी आँखें बंद कर लीजिए!

एकांत : रूप की प्यारी-सी अनुपस्थिति।

ऐसी दुनिया में रहना नर्क में रहने के समान है, जहाँ किसी को माफ़ नहीं किया जाता और जहाँ सभी कभी न सुधर सकने लायक़ हैं।

जो व्यक्ति अपनी गोपनीयता खो देता है, वह सब कुछ खो देता है; और जो आदमी जो इसे अपनी मर्ज़ी से त्याग देता है, वह राक्षस है।

जब कोई व्यक्ति कुछ भी या किसी को भी गंभीरता से नहीं लेता, वह उदास जीवन जीता है।

घृणा हमें हमारे विरोधी से बहुत मज़बूती से बाँधकर हमें अपने जाल में फँसा लेती है।

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मिलान कुंदेरा (1929-2023) सुविख्यात चेक-फ़्रेंच लेखक हैं। उनके यहाँ प्रस्तुत उद्धरण अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद के लिए goodreads.com से चुने गए हैं। यह प्रस्तुति ‘सदानीरा’ के 23वें अंक में पूर्व-प्रकाशित है। सरिता शर्मा सुपरिचित हिंदी लेखिका और अनुवादक हैं। उनसे sarita12aug@hotmail.com पर बात की जा सकती है। ‘सदानीरा’ पर उपलब्ध कुछ और संसारप्रसिद्ध साहित्यकारों-विचारकों के उद्धरण यहाँ पढ़ें :

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