अल्फ़्रेड एडलर के कुछ उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा

अल्फ़्रेड एडलर

अपने दिल का कहा मानो, लेकिन अपने दिमाग़ को साथ लेकर चलो।

अपने सिद्धांतों के लिए लड़ना, उनके लिए जीने की तुलना में अधिक आसान है।

केवल गति पर भरोसा करो। जीवन घटनाओं के स्तर पर घटता है, शब्दों के स्तर पर नहीं।

जीवन में बड़ा ख़तरा यह है कि आप बहुत अधिक सावधानी बरत सकते हैं।

सिर्फ़ सामान्य लोग ही होते हैं, जिन्हें आप बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते हैं।

वह अपने उदास रोगियों से कहा करते थे : ‘आप इस नुस्ख़े से चौदह दिनों में ठीक हो सकते हैं। हर दिन यह सोचने की कोशिश करें कि आप किसी को कैसे ख़ुश कर सकते हैं।’

अर्थ परिस्थितियों से निर्धारित नहीं होते हैं, बल्कि हम ख़ुद को उन अर्थों से निर्धारित करते हैं जो हम परिस्थितियों को देते हैं।

दोस्ती में हम दूसरे व्यक्ति की आँखों से देखना, उसके कानों से सुनना और उसके दिल से महसूस करना सीखते हैं।

इंसान होने का मतलब है—तुच्छ महसूस करना।

साहस कोई ऐसी क्षमता नहीं है जो किसी के पास है या नहीं है। साहस जोखिम वाले कार्य में जुट जाने की इच्छा है, भले ही परिणाम अज्ञात हों या संभावित रूप से प्रतिकूल हों। हम साहसी व्यवहार करने में सक्षम हैं, अगर हम ऐसा करने के इच्छुक हों।

सभी विफल व्यक्ति—विक्षिप्त व्यक्ति, मनोरोगी, अपराधी, शराबी, समस्याग्रस्त बच्चे, आत्महत्या करने वाले, विकृत और वेश्याएँ—इसलिए विफल हैं, क्योंकि उनमें सामाजिक संबंध की कमी है।

प्रतिभा नाम की कोई चीज़ नहीं होती है। दबाव होता है।

हमें बुरे स्वभाव की व्याख्या हीन भावना की निशानी के रूप में करनी चाहिए।

कठिनाइयों पर क़ाबू पाने से हममें साहस और स्वाभिमान आता है और हम ख़ुद को जान लेते हैं।

प्रतिभाशाली लोगों की प्रशंसा की जाती है, धनवानों से ईर्ष्या की जाती है, शक्तिशाली लोगों से डर लगता है; लेकिन केवल चरित्र वाले लोगों पर ही भरोसा किया जाता है।

जीवन तैरना सीखने की तरह है। ग़लतियाँ करने से मत डरो, क्योंकि जीना सीखने का और कोई तरीक़ा नहीं है!

अत्यधिक संवेदनशीलता हीन भावना की अभिव्यक्ति है।

यह सर्वविदित है कि जो लोग ख़ुद पर भरोसा नहीं करते हैं, वे कभी दूसरों पर भरोसा नहीं करते हैं।

यह एकदम स्पष्ट है कि हम तथ्यों से नहीं, बल्कि तथ्यों की हमारी व्याख्या से प्रभावित होते हैं।

मनुष्य की सार्थक उपलब्धियाँ वे हैं जो सामाजिक रूप से उपयोगी हैं।

खेल बच्चों का काम है और यह कोई मामूली काम नहीं है।

सुख का साहस है और दुख का भी साहस है।

शिक्षक को अपने शिष्य की संभावित शक्ति में विश्वास करना चाहिए, और उसे अपनी सारी कला को अपने शिष्य को इस शक्ति का अनुभव कराने की कोशिश में लगा देना चाहिए।

सच्चाई अक्सर आक्रामकता का एक भयानक हथियार होता है। सच के साथ झूठ बोलना और यहाँ तक कि हत्या करना भी संभव है।

सब कुछ हमेशा अलग हो सकता है!

मनुष्य जितना समझता है, उससे कहीं अधिक जानता है।

मनुष्य का लक्ष्य विजय, पूर्णता, सुरक्षा और श्रेष्ठता है।

हमारे आधुनिक राष्ट्र भविष्य के दुश्मन को जाने बिना ही युद्ध की तैयारी कर रहे हैं।

मेरी मुश्किलें मेरी अपनी हैं।

शुरू में यह विश्वास करना आसान है कि जीवन लंबा है और हमारी प्रतिभा विशाल है; लेकिन जब जीवन की सीमाएँ और अधिक स्पष्ट होती जाती हैं, यह स्पष्ट हो जाता है कि महान कार्य शायद ही कभी किया जा सकता है।

मृत्यु वास्तव में मानवता के लिए एक महान वरदान है, इसके बिना कोई वास्तविक प्रगति नहीं हो सकती।

जो लोग हमेशा के लिए जीते रहेंगे, वे न केवल युवाओं को बाधित और हतोत्साहित करेंगे; बल्कि उनके ख़ुद के पास रचनात्मक होने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं होगा।

हम यह नहीं कह सकते हैं कि अगर कोई बच्चा कुपोषित होगा, वह अपराधी बन जाएगा। हमें देखना चाहिए कि बच्चे ने क्या निष्कर्ष निकाला है।

प्रत्येक विक्षिप्त व्यक्ति आंशिक रूप से सही है।

यह नियम है कि मनुष्य अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करे। कुछ सौ वर्षों में यह मानव जाति के लिए उतना ही स्वाभाविक होना चाहिए जितना कि साँस लेना या सीधा चलना, पर अगर मनुष्य इसे नहीं सीखता है तो वह तबाह हो जाएगा।

युद्ध हमारे भाइयों के ख़िलाफ़ संगठित हत्या और यातना है।

जीवन-शैली एक इकाई है, क्योंकि यह प्रारंभिक जीवन की कठिनाइयों और लक्ष्य के लिए प्रयास करने से विकसित हुई है।

मेरा मनोविज्ञान सभी का है।

मैं उस विचार के लिए आभारी हूँ जिसने मुझे इस्तेमाल किया है।

अपने देश के लिए झूठ बोलना हर व्यक्ति का देशभक्तिपूर्ण कर्त्तव्य है।

●●●

अल्फ़्रेड एडलर (1870-1937) संसार के अत्यंत प्रभावशाली मनोवैज्ञानिकों में से एक हैं। उनके यहाँ प्रस्तुत उद्धरण अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद के लिए goodreads.com से चुने गए हैं। सरिता शर्मा सुपरिचित हिंदी लेखिका और अनुवादक हैं। उनके किए कुछ और संसारप्रसिद्ध लेखकों के उद्धरण यहाँ पढ़ें : वी. एस. नायपॉल │ हरमन हेस │ विलियम फॉकनर │ ग्राहम ग्रीन │ मिलान कुंदेरा │ निकोलाई गोगोल │ जेम्स बाल्डविन │ वालेस स्टीवंसहारुकी मुराकामीमार्क ट्वेनसी. एस. लुईस

प्रतिक्रिया दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *