फ्रांत्ज़ फ़ैनन के उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा
भाषा बोलना एक दुनिया और एक संस्कृति को अपनाना है।
●
मैं जिस दुनिया से गुज़रता हूँ, मैं उसमें ख़ुद को अंतहीन रूप से बना रहा हूँ।
●
उत्पीड़ित लोग हमेशा अपने बारे में सबसे बुरा सोचेंगे।
●
…इस दुनिया में बहुत सारे बेवक़ूफ़ हैं।—यह कहने के बाद, मुझ पर इसे साबित करने का बोझ है।
●
जब हम विद्रोह करते हैं तो यह किसी विशेष संस्कृति के ख़िलाफ़ नहीं होता है। हम सिर्फ़ इसलिए विद्रोह करते हैं, क्योंकि कई कारणों से, हम अब साँस नहीं ले सकते।
●
प्रत्येक पीढ़ी को अपने मिशन की खोज करनी चाहिए, उसे सापेक्ष अस्पष्टता में पूरा करना चाहिए या उसे धोखा देना चाहिए।
●
साम्राज्यवाद सड़ाँध के कीटाणुओं को पीछे छोड़ देता है, जिन्हें हमें बिना आवेग के न केवल अपनी ज़मीन से बल्कि अपने दिमाग से भी पहचान कर निकाल देना और हटा देना चाहिए।
●
जो मायने रखता है—वह दुनिया को जानना नहीं, बल्कि उसे बदलना है।
●
नीग्रो अपनी हीनता से ग़ुलाम है, श्वेत व्यक्ति अपनी श्रेष्ठता से ग़ुलाम है… दोनों ही एक विक्षिप्त उन्मुखीकरण के अनुसार व्यवहार करते हैं।
●
आज मैं प्रेम की संभावना में विश्वास करता हूँ; इसीलिए मैं इसकी ख़ामियों, इसकी विकृतियों का पता लगाने का प्रयास करता हूँ।
●
हिंसा मनुष्य द्वारा स्वयं का पुनर्निर्माण है।
●
अंततः वे महसूस करते हैं कि परिवर्तन का अर्थ उन्नति करना नहीं है, परिवर्तन का अर्थ सुधार नहीं है।
●
भाषा पर महारत असाधारण शक्ति प्रदान करती है।
●
जिस व्यक्ति के पास भाषा होती है, वह नतीजतन उस भाषा द्वारा व्यक्त और निहित दुनिया का स्वामी होता है।
●
मेरा विश्वास करो, नीरस व्यक्ति उपनिवेशवादियों से अधिक भयानक हैं।
●
श्रेष्ठता? हीनता? क्यों न बस दूसरे को छूने, दूसरे को महसूस करने, एक-दूसरे को खोजने का प्रयास करें?
●
किसी सरकार या पार्टी को वे लोग मिलते हैं, जिनके वे हक़दार होते हैं और जल्द या बाद में लोगों को वह सरकार मिलती है, जिसके वे हक़दार होते हैं।
●
हे मेरे शरीर, मुझे ऐसा आदमी बनाओ जो हमेशा सवाल करता रहे!
●
हम मानते हैं कि व्यक्ति को मानवीय स्थिति में निहित सार्वभौमिकता को ग्रहण करने का प्रयास करना चाहिए।
●
मैं चाहता हूँ कि दुनिया मेरे साथ हर चेतना के खुले दरवाज़े को पहचाने।
●
बोलने का मतलब है… सबसे बढ़कर किसी संस्कृति को ग्रहण करना, सभ्यता के भार को सहारा देना।
●
…पुराने मूल्य व्यर्थ और बचकाने भय ग़ायब हो गए।
●
जब कोई श्रेष्ठता का दावा करता है और वह मानक से नीचे गिर जाता है तो उसे कोई माफ़ी नहीं मिलती।
●
बजाय इसके कि मेरा प्रियतम मेरी बचकानी कल्पनाओं को वास्तविकता में बदलने की अनुमति न दे : उसे मुझे उनसे परे जाने में मदद करनी चाहिए।
●
जो मायने रखता है वह आपकी त्वचा का रंग नहीं है, बल्कि वह शक्ति है जिसकी आप सेवा करते हैं और लाखों लोगों को धोखा देते हैं।
●
लोगों को सब कुछ समझाया जा सकता है, बस एक शर्त पर कि आप वास्तव में चाहते हैं कि वे समझें।
●
मैं एक इंसान के रूप में विनाश का जोखिम उठाता हूँ, ताकि दो या तीन सत्य दुनिया पर अपना आवश्यक प्रकाश डाल सकें।
●
भाषा को अस्पष्ट करने का व्यवसाय एक मुखौटा है, जिसके पीछे लूट का बहुत बड़ा व्यवसाय है।
●
बुर्जुआ वर्ग को जो बनाता है—वह उसका रवैया, रुचि या शिष्टाचार नहीं है। यह उसकी आकांक्षाएँ भी नहीं हैं। बुर्जुआ वर्ग सर्वोपरि सटीक आर्थिक वास्तविकताओं का प्रत्यक्ष उत्पाद है।
●
यह श्वेत व्यक्ति है जो नीग्रो बनाता है। लेकिन यह नीग्रो है जो अफ़्रीकी पहचान बनाता है।
●
यह नस्लवादी है जो हीनता पैदा करता है।
●
और जिस दिन हमारी मानव जाति पूरी तरह परिपक्व हो जाएगी; वह ख़ुद को दुनिया के निवासियों के योग के रूप में नहीं, बल्कि उनकी पारस्परिकताओं की अनंत एकता के रूप में परिभाषित करेगी।
●
यदि दर्शन और बुद्धि का उपयोग मनुष्यों की समानता की घोषणा करने के लिए किया जाता है, तो उनका उपयोग मनुष्यों के विनाश को उचित ठहराने के लिए भी किया जाता है।
●●●
फ्रांत्ज़ फ़ैनन [1925-1961] फ़्रांसीसी उपनिवेश मार्टिनिक से एक फ़्रांसीसी एफ़्रो-कैरिबियन मनोचिकित्सक, राजनीतिक दार्शनिक और मार्क्सवादी हैं। उनके विचार उत्तर-औपनिवेशिक अध्ययन, आलोचनात्मक-सिद्धांत और मार्क्सवाद के क्षेत्रों में अत्यंत प्रभावशाली हैं। उनके यहाँ प्रस्तुत उद्धरण अँग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद करने के लिए इंटरनेट से चुने गए हैं। सरिता शर्मा सुपरिचित हिंदी लेखिका और अनुवादक हैं। उनके अनुवाद में कुछ और संसारप्रसिद्ध लेखकों-विचारकों के उद्धरण यहाँ पढ़िए : वी. एस. नायपॉल │ हरमन हेस │ विलियम फॉकनर │ ग्राहम ग्रीन │ मिलान कुंदेरा │ निकोलाई गोगोल │ जेम्स बाल्डविन │ वालेस स्टीवंस│ हारुकी मुराकामी │ मार्क ट्वेन │ सी. एस. लुईस │ अल्फ़्रेड एडलर │ लियोनार्ड कोहेन │ ओरहान पामुक │ अमोस ओज़ │ गुस्ताव फ़्लाबेयर │ यून फ़ुस्से