यून फ़ुस्से के कुछ उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा
क्या आप दुखी होने पर भी ख़ुश रह सकते हैं?
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जीवन में जो सुंदर है, वह पेंटिंग में ख़राब हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इसमें बहुत अधिक सुंदरता है। एक अच्छी तस्वीर को जिस तरह से चमकना चाहिए, उसके लिए उसमें कुछ बुरा होना आवश्यक है। उसे अँधेरे की आवश्यकता होती है।
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व्यक्ति के अंदर वह है जो समाप्त हो जाएगा और वह उसके साथ मिल जाएगा जो हर चीज़ में अदृश्य है।
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जब पेंटिंग की बात आती है तो सबसे महत्त्वपूर्ण चीज़ों में से एक है—सही समय पर रुकने में सक्षम होना और यह जानना कि कोई तस्वीर क्या कह रही है, वह क्या कह सकती है। अगर आप बहुत लंबे समय तक लगे रहते हैं तो अक्सर तस्वीर बर्बाद हो जाएगी।
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मैं बस ग़लतियाँ करता हूँ और उन्हें ग़लत होने देता हूँ, क्योंकि अक्सर ग़लतियाँ ही होती हैं जो अंततः कुछ सही कर देती हैं।
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कविता की रचना सुनने से जुड़ी है।
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भाषा स्वयं सुनती है।
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प्रत्येक भाषा आपको वास्तविकता के अपने हिस्से तक पहुँच प्रदान करती है।
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विभिन्न धर्म अलग-अलग भाषाएँ हैं, जिनमें प्रत्येक की अपनी सच्चाई हो सकती है और सच्चाई की कमी हो सकती है और ऐसा सोचना मूर्खतापूर्ण है कि ईश्वर किसी प्रकार से परिभाषित है, जिसके बारे में आप कुछ भी कह सकते हैं।
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ईश्वर इतना दूर है कि कोई भी उसके बारे में कुछ नहीं कह सकता है और यही कारण है कि ईश्वर के बारे में सभी विचार ग़लत हैं और साथ ही वह इतना क़रीब है कि हम उसे देख ही नहीं सकते, क्योंकि वह व्यक्ति में आधार या रसातल है। आप इसे जो चाहें कह सकते हैं।
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मुझे लगता है कि व्यक्ति ईश्वर से आता है और ईश्वर के पास वापस जाता है, क्योंकि शरीर की कल्पना की जाती है और जन्म होता है, यह बढ़ता है और घटता है, यह मर जाता है और ग़ायब हो जाता है; लेकिन जीवात्मा शरीर और आत्मा का मेल है, जिस तरह एक अच्छी तस्वीर में आकार और विचार का अदृश्य संगम होता है।
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हर किसी के अंदर एक गहरी लालसा होती है। हम हमेशा किसी न किसी चीज़ के लिए लालायित रहते हैं और हम मानते हैं कि हम जिस चीज़ के लिए लालायित रहते हैं वह यह या वह है, यह व्यक्ति या वह व्यक्ति, यह चीज़ या वह चीज़ है; लेकिन वास्तव में हम ईश्वर के लिए लालायित रहते हैं, क्योंकि मनुष्य सतत प्रार्थना है। व्यक्ति अपनी लालसा के माध्यम से एक प्रार्थना है।
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यून फ़ुस्से (जन्म : 1959) इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित नॉर्वीजी साहित्यकार हैं। उनके यहाँ प्रस्तुत उद्धरण अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद के लिए इंटरनेट से चुने गए हैं। सरिता शर्मा सुपरिचित हिंदी लेखिका और अनुवादक हैं। उनके अनुवाद में कुछ और संसारप्रसिद्ध लेखकों-विचारकों के उद्धरण यहाँ पढ़ें : वी. एस. नायपॉल │ हरमन हेस │ विलियम फॉकनर │ ग्राहम ग्रीन │ मिलान कुंदेरा │ निकोलाई गोगोल │ जेम्स बाल्डविन │ वालेस स्टीवंस│ हारुकी मुराकामी │ मार्क ट्वेन │ सी. एस. लुईस │ अल्फ़्रेड एडलर │ लियोनार्ड कोहेन │ ओरहान पामुक │ अमोस ओज़ │ गुस्ताव फ़्लाबेयर