हान कांग के उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा

हान कांग | तस्वीर सौजन्य : The Guardian

मैं तुम्हारे मरने के बाद तुम्हारा अंतिम संस्कार नहीं कर सकी… इसलिए मेरा जीवन एक अंतिम संस्कार बन गया।

मरना इतनी बुरी बात क्यों है?

समय एक लहर की तरह था—अपनी कठोरता में लगभग क्रूर।

मैं तुम्हें निगल जाना चाहती हूँ और चाहती हूँ कि तुम मुझमें पिघल जाओ और मेरी नसों में बह जाओ।

बिना किसी आवाज़ के और बिना किसी हलचल के, मेरे अंदर की कोई कोमल चीज़ टूट गई। कुछ ऐसी चीज़, जिसके होने का मुझे तब तक एहसास भी नहीं हुआ था।

वह एक अच्छी स्त्री है—उसने सोचा—ऐसी स्त्री जिसकी अच्छाई कष्टप्रद है।

यह बारिश दिवंगत की आत्माओं द्वारा बहाए गए आँसू हैं।

विवेक—विवेक दुनिया की सबसे भयानक चीज़ है।

मैंने ख़ुद को कभी यह नहीं भूलने दिया कि मैं जिस भी व्यक्ति से मिलती हूँ, वह इस मानव-जाति का सदस्य है।

आत्मा के पास शरीर नहीं होता, तब वह हमें कैसे देख सकती है?

हम अँधेरे में क्यों चल रहे हैं… चलो वहाँ चलते हैं, जहाँ फूल खिल रहे हैं।

तुम्हें पता है कि एक व्यक्ति के रूप में तुम्हारे पास न तो बहादुरी की क्षमता है और न ही ताक़त की।

कृपया अपनी किताब लिखें ताकि कोई भी मेरे भाई की यादों को फिर से अपवित्र न कर सके।

कोई माफ़ी नहीं मिलेगी। कम से कम मेरे लिए तो नहीं।

चाँद रात की आँख है।

मूर्ख, भूत को हाथों की क्या ज़रूरत है?

उस दूसरी दुनिया का समय अब पिछले हफ़्ते से ज़्यादा वास्तविक नहीं लगता।

चीज़ों को सहना ही तुम्हारा सबसे अच्छा काम है। अपने दाँत पीसकर उन्हें सह लेना।

काश मैं सपनों में छिप पाती या शायद यादों में!

अगर उसके पास कभी आत्मा जैसी कोई चीज़ होती तो वह उसके टूटने का क्षण होता।

मैं अब जानवर नहीं हूँ।

वह सोचती है कि काश किसी की आँखें दूसरों को दिखाई नहीं देतीं। काश कोई अपनी आँखों को दुनिया से छिपा पाता।

वह ख़ुद के ख़िलाफ़ बँधा हुआ था… क्या वह सामान्य इंसान था?

तुम जब मांस खाना बंद करोगी तो दुनिया तुम्हें पूरा निगल जाएगी।

कहावत है कि कुत्ते के काटने से हुए घाव को ठीक करने के लिए आपको उसी कुत्ते को खाना पड़ता है… और मैंने अपने लिए एक निवाला ले लिया।

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हान कांग [जन्म : 1970] दक्षिण कोरियाई लेखिका हैं। वर्ष 2024 में, वह साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली दक्षिण कोरियाई लेखक और पहली एशियाई लेखिका बनीं। नोबेल से पूर्व उन्हें उनके उपन्यास ‘द वेजिटेरियन’ के लिए जाना जाता है, इस कृति को 2016 में मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार मिला था। उनके यहाँ प्रस्तुत उद्धरण अँग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद करने के लिए goodreads.com से चुने गए हैं। सरिता शर्मा सुपरिचित हिंदी लेखिका-अनुवादक हैं। उनके अनुवाद में कुछ और संसारप्रसिद्ध लेखिकाओं के उद्धरण यहाँ पढ़ सकते हैं : अनाइस नीन │ हाना आरेन्ट │ सिमोन वेल │ एमिली ब्रॉण्टे │ वर्जीनिया वुल्फ │ सीमोन द बोउवार │ बेट्टी फ्रीडन │ सुजान सौन्टैग │ हेलेन सिक्सु │ कोलेट │ जर्मेन ग्रीयर │ हेर्टा म्युलर │ टोनी मॉरीसन │ डोरिस लेसिंग │ मार्गरेट ऐटवुड │ मैरी वोलस्टोनक्राफ़्ट │ मरीना त्स्वेतायेवा │ डेबरा फेडमैन │ जॉर्ज सैंड │ एलिस मुनरो │ नादीन गॉर्डिमर │ ग्लोरिया स्टायनेम │ जूलिया क्रिस्तेवा │ जे. के. रोलिंग │ एलिस वॉकर शुलामिथ फ़ायरस्टोन │ केट शोपैं │बेल हुक्स │ऐनी एरनॉ │ अज़र नफ़ीसी │ कैथरीन मैन्सफ़ील्ड │ एडना ओ’ब्रायन | सामंथा हार्वे

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